1955 में एक ऐसा बैंक बना, जो आज भारत का सबसे बड़ा बैंक है — भारतीय स्टेट बैंक (SBI)। लेकिन इसकी कहानी तो 1806 में ही शुरू हो गई थी, जब ब्रिटिश शासन ने तीन बड़े बैंक बनाए। कैसे ये बैंक एक हुए, कैसे इंपीरियल बैंक बना और फिर भारतीय स्टेट बैंक(SBI) — समय के साथ यह बैंक कई महत्वपूर्ण बदलावों और विलयों से गुजरा और आज भारत का सबसे बड़ा और दुनिया के प्रमुख बैंकों में से एक बन चुका है।

भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना कैसे हुई?
स्ट इंडिया कंपनी ने अपने तीनों प्रेसिडेंसी (बंगाल, मद्रास, बॉम्बे) में अलग-अलग 3 बैंक बनाए थे:
- बैंक ऑफ बंगाल (1806)
- बैंक ऑफ बॉम्बे (1840)
- बैंक ऑफ मद्रास (1843)
इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया (1921)

लेकिन बाद में जब भारत में ब्रिटिश सरकार ने ईस्ट इंडिया कंपनी से अधिकार अपने हाथ में ले लिया तो उसने इन तीनों बैंकों को 1921 में एक बैंक में मिला दिया जिसका नाम रखा इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया जो कि आगे चलकर भारतीय स्टेट बैंक (SBI) बना।
भारत की स्वतंत्रता के बाद बैंकिंग विस्तार की आवश्यकता
1949 में भारत सरकार ने बैंकिंग रेगुलेशन एक्ट लाकर बैंकों को गांवों तक पहुंचाने का प्रयास किया। लेकिन छोटे बैंक धन की कमी के कारण असफल होने लगे और उनकी शाखाएं बंद होने लगीं। ऐसे में सरकार को एक मजबूत बैंक की आवश्यकता महसूस हुई। तब भारत सरकार ने निर्णय लिया कि किसी ऐसे बैंक को गांव में भेजा जाए जिसके पास बहुत सारा पैसा हो।
1955: इंपीरियल बैंक बना भारतीय स्टेट बैंक
उस समय केवल इंपीरियल बैंक ऑफ इंडिया ही एक बड़ा और सक्षम बैंक था, जिसके पास बहुत पैसा था। इंपीरियल बैंक अंग्रेजों द्वारा बनाया गया प्राइवेट बैंक था और वह सरकार के अधीन कार्य करने के लिए तैयार नहीं था।
इसे सरकारी नियंत्रण में लाने के लिए 1955 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया एक्ट (SBI ACT 1955) लाया गया। 1 जुलाई 1955 को इसका राष्ट्रीयकरण कर इसे भारतीय स्टेट बैंक (SBI) नाम दिया गया।
गांव-गांव में बैंकिंग सेवा और भाषा की चुनौती

जब इंपीरियल बैंक SBI में बदल गया तब SBI ने ग्रामीण क्षेत्रों में विस्तार का निर्णय लिया। उसने गांव-गांव जाकर अपनी ब्रांच खोलने का फैसला किया लेकिन उनके पास अभी भी एक समस्या थी कि भारत में हर जगह अलग-अलग भाषाएं बोली जाती हैं और उस समय जो स्टेट बैंक के कर्मचारी थे उन्हें देश की प्रत्येक भाषा नहीं आती थी।
इस समस्या के समाधान के लिए स्थानीय बैंकों को एसबीआई में मिलाने की योजना बनाई गई। तब उसने फैसला किया कि जिस भी राज्य में जो बैंक चल रहे है उन्हें वह अपनी शाखा में मिला लेगा और उनसे कार्य करवाएगा।
SBI में 8 बैंकों का विलय (1959)
1959 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया सब्सिडियरी बैंक एक्ट लाया गया जिसके तहत निम्नलिखित आठ क्षेत्रीय बैंकों को SBI के अधीन कर दिया गया :
- स्टेट बैंक ऑफ जयपुर
- स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर
- स्टेट बैंक ऑफ पटियाला
- स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद
- स्टेट बैंक ऑफ मैसूर
- स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र
- स्टेट बैंक ऑफ इंदौर
- स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर
1963 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने स्टेट बैंक ऑफ जयपुर और स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर को आपस में मर्ज कर दिया और एक बैंक बना दिया → स्टेट बैंक ऑफ जयपुर एंड बीकानेर। इस प्रकार, 1963 में स्टेट बैंक के सब्सिडियरी बैंकों की संख्या 8 से घटकर 7 हो गई।
2008-2010: दो बैंकों का पूर्ण विलय
बैंक ऑफ सौराष्ट्र और बैंक ऑफ इंदौर, जो अब तक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के एसोसिएट के रूप में कार्य कर रहे थे, उन्हें स्टेट बैंक में पूरी तरह से मिला दिया गया।
- 2008 – स्टेट बैंक ऑफ सौराष्ट्र का SBI में विलय
- 2010 – स्टेट बैंक ऑफ इंदौर का SBI में विलय
इस विलय के बाद SBI के अधीन सहायक बैंकों की संख्या 7 से घटकर 5 रह गई।
2017: भारतीय स्टेट बैंक बना वैश्विक बैंकिंग शक्ति
1 अप्रैल 2017 को भारत सरकार ने बचे हुए पांच सहायक बैंकों और भारतीय महिला बैंक (2013 में स्थापित) को SBI में मिला दिया। इस विलय के बाद, SBI दुनिया का 33वां सबसे बड़ा बैंक बन गया।
SBI से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)
एसबीआई की स्थापना कब हुई?
भारतीय स्टेट बैंक की स्थापना 1 जुलाई 1955 को हुई थी।
SBI का मुख्यालय कहाँ है?
SBI का मुख्यालय मुम्बई (Mumbai) है।